विकास और रचना एक दिन विकसित बिहार की रचना करेंगे
बिना बेहतर स्वास्थ के किसी विकसित देश की कल्पना नहीं की जा सकती. हमारे देश का भविष्य हमारे नौनिहाल सुरक्षित नहीं हैं. बिहार ने कुपोषण से चमकती-धमकती विकास की गाडी को पंचर कर दिया है. भारत के कुल कुपोषित बच्चों में बिहार के अकेले 50 प्रतिशत बच्चे हैं. ऐसे में हम कैसे एक बेहतर समाज की कल्पना कर सकते हैं. सेवा सेतू इस खाई को भरने का छोटा-छोटा प्रयास कर रही है. आज विकास कुमार (1 वर्ष 3 महीना) और रचना कुमारी (1 वर्ष 3 महीना) दो अति कुपोषित बच्चों को मसौढ़ी के अनुमंडल अस्पताल के पोषण पुनर्वास केंद्र (Nutrition Rehabilitation Centers) में दाखिला करवाया गया. दोनों बच्चे चिलबिली पंचायत के हसनपुरा गाँव के हैं. हमें विश्वास है जब दोनों NRC से वापस आयेंगे तो स्वस्थ होंगे और बिहार के साथ हमारे देश को एक कदम आगे ले जाने में मदद करेंगे.
यह तय है कि बेहतर बिहार के निर्माण में एक जंग कुपोषण से होनी है. हम इस जंग में शामिल हैं आप भी अपना सहयोग दें.