18 Oct

विकलांग प्रमाण पत्र और पेंशन उपलब्ध कराने का प्रयास

कल हमने फुलवारी शरीफ प्रखंड के 6 गांव के लोगों का विकलांग प्रमाण पत्र बनवाने का आवेदन किया| आकोपुर बग्घा टोला, कुर्जी चक, मुरादपुर, हिन्दुनी, पकड़ी और हुलुकपुर से 19 लोग आये थे| हम बिना किसी सरकारी मदद के वैसे सभी विकलांग लोगों को चिन्हित कर रहे हैं, जिनके पास विकलांगता प्रमाण पत्र नहीं है, जिन्हें पेंशन नही मिलता है और जिन्हें अब तक कोई सरकारी लाभ नहीं मिल रहा है| सरकारी अकड़ा SECC- 2011 के अनुसार फुलवारी शरीफ प्रखंड में 3787 लोग विकलांग है| इस डाटा में अलग से विकलांगों को मिलने वाले सरकारी लाभ का कहीं जिक्र नहीं है| हम बहुत जल्द ही फुलवारी प्रखंड में कितने ऐसे विकलांग है जिनको कोई सरकारी लाभ नहीं मिल पा रहा है इसकी जानकारी सार्वजानिक करेंगे|

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14 Oct

तकनीकी समस्या के कारण बिहार में राशन लाभार्थियों को हो रही परेशानी!

हमने उठाया मुद्दा मीडिया ने दिया साथ|

इस बारे में और अधिक पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें!

http://www.rajpathnews.com/due-to-technical-problems-food-beneficiaries-getting-trouble-in-bihar/

 

 

14 Oct

बिहार: राशन वितरण | मुश्किलें

बिहार में राशन वितरण में कई नए नियम बनाए जा रहे हैं जिससे ग्रामीणों को कई सस्याओं का सामना करना पड़ रहा है| हमने लोक शिकायत में अपनी आपत्ति दर्ज की थी जिसकी आज सुनवाई हुई|
बिहार ख़ोज खबर ने हमारे मुद्दे को अपने वेब पर प्रकाशित कर इस मामले को उजागर करने में सहयोग दिया है|

इस बारे में और अधिक पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें! http://tinyurl.com/biharkhojkhabar

13 Oct

NRC – A way to eradicate malnutrition

In a time when the world is striving to explore the possibility of life on Mars, there are still 795 million people across the world who go to bed hungry every night. The whopping number itself indicates the disparity in the overall growth and development. The biggest victims of this hunger are kids. Hunger results in the deficiency of essential nutrients in their body which eventually leads to malnutrition. Malnutrition, if not cured in time can cause an irreparable damage to a kid.
India, a home to one-third of the total malnourished kids across the world is struggling to combat this issue. In India, 44% of kids under the age of 5 are malnourished. When it comes to Bihar which is one of the least developed states of the country, the situation is even more deplorable. More than 55% of the kids in Bihar are suffering from malnutrition. Like in the case of any other issue plaguing the nation, we train our guns on the government for malnutrition as well. But while working on the issue of malnutrition, we came across a watershed initiative named Nutrition Rehabilitation Centre (NRC) which has been started to combat the issue of malnutrition. It is established in each of the 38 districts of Bihar to minimize the cases of malnourished kids in Bihar. Children are admitted as per defined admission criteria and provided with medical and nutrition therapeutic care. Once discharged from NRC, the child continues to be in the nutrition rehabilitation program till he/she attains the defined discharge criteria from the program.
During our field surveys, we came across many malnourished kids in the villages of Patna and Vaishali districts. True to our name, we admitted more than 400 kids in NRC and thus acted as a bridge between the government-sponsored schemes and beneficiaries. We followed up these kids until they regained health and started leading a normal life.
But in the last few months, we are finding it bit difficult to convince parents to get their undernourished kids admitted in NRC. Some of the reasons which we managed to figure out while discussing with the parents are:
  • Ghar me aur 2-3 chotte bacche hain. Agar hum waha chale jaayenge to un logo ka khayal kaun rakhega?
  • Agar hum 20-25 din NRC me hi rahenge to kamaayenge-khaayenge kaise?
  • NRC ghar se bhut dur hai. Jaane aane me bhut dikkat hoti hai.
  • Mere bacche ko koi pareshani ni hai. Wo ekdum thik hai.

It is ironical and unfortunate that a state where more than half of the kids are suffering from malnutrition, most of the beds of the NRCs remain vacant. We are making every effort to ensure that such a noble initiative of the government reaches its desired beneficiary. We invite you to come up with ideas and suggestions and help us in achieving the desired results.

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06 Oct

कौन सरकार की योजनाओं से लाभान्वित हो रहे हैं? – इस पर सूचना महत्वपूर्ण है|

सरकरों को अपनी योजनाओं का प्रचार करने के साथ ही कितने लोगों और किन लोगों को किन योजनाओं से लाभ मिला इसकी सूचना उपलब्ध करानी चाहिए| राज्य सरकार इन दिनों राशन में ‘डायरेक्ट बेनिफिट ट्रान्सफर’ (DBT) और पॉइंट ऑफ सेल्स (POS) मशीन लगाने के बारे में विचार कर रही है| बीते दिनों जन संगठनों के एक कार्यक्रम में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के प्रधान सचिव कह रहे थे कि ‘हम टेक्नोलॉजी फ्रेन्डली होना चाहते हैं|’ मगर खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, बिहार में किन परिवारों को ‘अन्त्योदय अन्न योजना’ और ‘खाद्य सुरक्षा योजना’ के तहत राशन उपलब्ध करा रही है यह अपने वेब साईट पर प्रकाशित नहीं कर रही है| इन दिनों सेवा सेतू ने ‘लोक शिकायात निवारण अभियान’ चला रखा है| हम लोगों ने इस मामले पर लोक शिकायत किया है जिसकी सुनवाई 13 अक्टूबर को है| उम्मीद है जल्द ही राज्य सरकार इन सूचनाओं को वेब साईट पर सार्वजनिक करेगी|

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